कल सतना में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार आने पर हम जाति जनगणना कराएंगे तथा पिछड़े वर्गों के आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन करेंगे। मैं उनसे पूछना चाहता हूं जब कमलनाथ जी स्वयं मंत्री थे और भारत सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी थे और देश के गृह मंत्री प्रणब मुखर्जी जी थे उस समय पर संसद में मैंने इस मामले को उठाया था, कि पिछड़े वर्गों की जाति जनगणना करायी जाये। उस समय पर जनता दल यूनाइटेड की तरफ से श्री शरद यादव जी ने राष्ट्रीय जनता दल की तरफ से श्री लालू यादव जी के लोगों ने और कुछ अन्य क्षेत्रीय पार्टी के लोगों ने भी इस मामले को उठाया था और उस समय पर सदन में आश्वासन भी दिया गया था, वादा करने के बाद भी कांग्रेस मुकर गई और जाति जनगणना उन्होंने नहीं कराई. दूसरा विषय जो संविधान में पिछड़ा वर्ग के लोगों के आरक्षण देने की बात की जा रही है बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी ने जब संविधान सभा में दलितों और पिछड़ों को आरक्षण देने का मुद्धा लेकर के पंडित जवाहर लाल नेहरू जी के पास गए थे तो उन्होंने कहा था कि सिर्फ संविधान में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को आरक्षण दिया जाए पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण देने की आवश्यकता नहीं है। आज वही पार्टी के नेता पिछड़े वर्ग के लोगों को गुमराह करने के लिए जो बयान बाजी कर रहे हैं यह पिछड़े वर्ग के हितैषी कभी भी नहीं थे यह तो सिर्फ वोट लेने के लिए इस तरह से चालबाजी का बहाना लेते हैं जब कमलनाथ जी स्वयं मुख्यमंत्री थे एक राजनीतिक शिगूफा छोड़ा कि 27 प्रतिशत हम मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के लोगों को आरक्षण देंगे उनको मालूम था कि 50 प्रतिशत की सीमा के ऊपर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है और यह जानते थे कि जैसे हम घोषणा करेंगे तुरंत कोई न कोई अदालत जाएगा और उन्हीं के लोग अदालत गए और स्टे करा दिया और पूरे मामले को उलझा दिया। आज यदि भारत में किसी ने पिछड़े वर्ग के हितों में काम किया है।भारत के संविधान में पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने का काम मोदी जी की सरकार ने किया क्रीमीलेयर की सीमा 8 लाख करने का काम मोदी जी की सरकार ने किया नीट, मेडिकल की परीक्षाओं में पिछड़ों को आरक्षण दिया तो मोदी जी ने दिया, उच्च वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया तो मोदी जी ने दिया। केन्द्रीय विद्यालयों, सैनिक स्कूलों, नवोदय विद्यालयों में 27 प्रतिशत आरक्षण मोदी जी ने दिया ।
सांसद श्री सिंह ने कहा की 1993 में जब सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा साहनी मामले में निर्णय दिया था तब पिछड़े वर्गो के आरक्षण में यदि सरकार चाहे तो आर्थिक आधार पर भी विचार कर सकती है, विशेषज्ञों की रिपोर्ट जो संसद में पेश की गई थी उसमें भी अनिवार्यता की शिफारिस नहीं की गई थी, सरकार जो कि कांग्रेस की थी कीमीलेयर की शर्तों को हटा सकती थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया। कांग्रेस ने पिछड़ों का लगातार शोषण किया है। म०प्र० में पंचायतों के में आरक्षण पर जो याचिका पेश की गई थी उसमें पैरवी पूरा देश जानता है कि कांग्रेस के नेता ने की थी और पिछड़ों का आरक्षण रोक दिया गया, यह तो मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह की बचनबद्धता थी पिछड़ों के प्रति सुप्रीम कोर्ट में जाकर न्याय दिलाया।
सांसद श्री सिंह ने आगे कहा की जब में संसद की पिछड़ा वर्ग स्थायी समिति का अध्यक्ष था तब मैनें पिछड़ों को न्याय दिलाने के लिए देश के सभी विभागों में पिछड़ा वर्ग कर्मचारी एसोसियेशन बनवाये तथा मान्यता दिलाया, विश्वविद्यालय में रोस्टर ठीक किया।
कमलनाथ और कांग्रेस देश के अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को गुमराह कर रही है-सांसद गणेश सिंह-आंचलिक ख़बरें-मनीष गर्ग

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