मनोज जैन
खरगोन। शासन की स्थानांतरण नीति 2023 के अनुसार तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थानांतरण पहले 30 जून तक किए जाने थे। बाद में जिसकी अवधि बढ़ाकर 7 जुलाई कर दी गई थी। जिसके चलते जिले के तात्कालिक सीएमएचओ डॉ. दौलतसिंह चौहान द्वारा स्वास्थ विभाग कर्मचारियों के स्थानांतरण आदेश पर अंतिम तारिख को देर रात्रि आनन-फानन हस्ताक्षर करके कर्मचारियों के स्थानांतरण की सूचना जारी कर दी गई। जबकि स्थानांतरित कर्मचारियों को 10 जुलाई को इसकी सूचना प्राप्त हुई तथा 10 तारिख को ही नवागत सीएमएचओ मोहन सिसोदिया ने भी जिले का प्रभार संभाला। वहीं शासन की स्थानांतरण नीति की कंडिका 25 के अनुसार कर्मचारी की शिकायत के बाद जांच दल गठित कर प्रथम दृष्टया दोष सिद्ध होने पर प्रशासकीय स्थानांतरण कर सकते हैं। जबकि उक्त तबादले मात्र शिकायत के आधार पर किए गए है जो कंडिका 25 का उल्लंघन है। उसका स्थानांतरण किया जा सकता है। इसके अलावा कंडिका 33 यानि शासन से मान्यता प्राप्त संगठनों के पदाधिकारियों का 4 वर्ष बाद ही तबादला किया जा सकता है। जबकि मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के सचिव का स्थानांतरण करके इसकी भी अवेहलना की गई है।साथ ही कंडिका 36 विभाग आदेश जारी करने से पूर्व यह सुनिश्चित कर ले की जिस अधिकारी/कर्मचारी का स्थानांतरण जहां किया जा रहा है वहां पद रिक्त है या नही। तथा कंडिका 53 विभागीय प्रमुख सचिव/विभागाध्यक्ष जारी किए स्थानांतरण आदेश की एक प्रति सामान्य प्रशासन के ई-मेल पर प्रेषित करेंगे। इन दोनों कंडिकाओ का पालन किया जाना भी शोध का विषय है ? उक्त संबंध में जानने के लिए नवागत सीएमएचओ सिसोदिया को कई दफा फोन लगाए जाने पर उन्होंने जवाब नही दिया।जिले के संवैधानिक पद पर रहते उनके द्वारा इस प्रकार गैर जिम्मेदाराना व्यवहार भी विचारणीय है ?