65 वर्षों के उपरांत महाशिवरात्रि पर महासंयोगधर्म अधिकारी

Aanchalik Khabre
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भैयालाल धाकड़

 

विदिशा,
धर्मगुरू-धर्माधिकारी पं. गिरधर गोविन्द प्रसाद शास्त्री ने बताया कि 65 वर्षो के उपरान्त 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर महासंयोग बन रहा है-महाशिवरात्रि शनि-प्रदोषव्रत, चतुर्दशीव्रत, श्री वैद्यनाथ ज्योतिलिंग जयन्ती, व्यतिपातयोग, जययोग, सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जावेंगी महाशिव रात्रि, मनोकामना आराधना का निशीथकाल रात्रि 11 बजकर 48 मिनिट से प्रारम्भ होगा। सत्यं शिवं सुन्दरम्-देवाधिदेव भगवान महादेव सम्पूर्ण सृष्टि के आदि देव है, भगवान ब्रह्मा जी एवं भगवान विष्णु जी भी भगवान शंकर जी की नित्य आराधना करते है। ज्योतिर्लिंग के रूप में भगवान शंकर जी का प्राकट्य महाशिव रात्रि के दिन ही हुआ है- सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारेश्वर, भीमशंकर, विश्वेश्वर, त्र्यम्बकेश्वर, बैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर एवं घुश्मेश्वर भारत वर्ष में द्वादश ज्योतिर्लिंग दर्शन मात्र से जीवन के चारों पुरूषार्थो की प्राप्ति होती है। संसार के जीवों की रक्षा के लिए समुद्र मंथन से निकले कालकूट विष का पान करके भगवान शिव जी महिमा अनन्त है। उमा महेश्वर, अर्द्धनारीश्वर, तत्पुरूष, पशुपतिनाथ, योगीश्वर, भगवान महादेव का वाहन नंदी है। भगवती जगत् जननी देवी पार्वती जी के साथ भगवान शिव जी का मंगल परिणय पाणिग्रहण संस्कार महाशिव रात्रि के पावन पर्व पर हुआ था।
डमरू, त्रिशूल के साथ भोलेनाथ नागों का जनेऊ एवं आभूषण धारण करते है, जटाओं में गंगाजी एवं मस्तक पर चन्द्रमा धारण करके कैलाश पर्वत पर भूत भावन भगवान शंकर जी निवास करते है। जलधारा प्रियो शिवः पवित्र नदिओं का जल एवं दुग्ध आदि के द्वारा वैदिक मंत्रो से रूद्राभिषेक, पंचामृत अभिषेक, विल्वपत्रों, अकौआ, धतूरों के पुष्पों से षोड़शोपचार पूजन, भंग एवं ऋतुफलों का भोग गेंहूँ की वाली, कपूर आदि के द्वारा मंगल आरती, पुष्पांजलि, अर्द्धपरिक्रमा, शिव महिमन् स्तोत्र का पाठ, शिव सहस्त्र नाम स्तोत्र का स्तवन, नमः शिवाय, एवं महामृत्युंजय मंत्र के जप से होती है निरोगता की प्राप्ति। अनादिकाल से होती है विदिशा में भगवान शंकर जी की आराधना, उदयगिरी की गुफाओं में भगवान शिव जी की पिण्डी एवं जटाशंकर भगवान का मंदिर, चरणतीर्थ के शिवालय एवं श्री रामघाट का शिवालय, किले अन्दर स्थित द्विशताब्दी प्राचीन श्री लक्ष्मी व्यंकटेश बालाजी मन्दिर में पंचमुखी शिवजी की मूर्ति धर्माधिकारी चौक स्थित शताब्दी प्राचीन श्री कृष्णेश्वर महादेव मंदिर, किला अंदर स्थित गुप्तेश्वर महादेव मंदिर, भूतेश्वर मंदिर, कार्तिक चौक के पास चौबे जी के मंदिर में जिला- विदिशा के सबसे बडे़ नंदी की प्रतिमा, स्टेशन माधवगंज श्री विश्वेश्वर महादेव मंदिर, श्रीराम नगर चौराहा पर स्थित भगवान शिव जी का मन्दिर, वैत्रवती तट महलघाट के शिवालयों में होगी श्रद्धालु भक्तों की उपस्थिति, विल्वपत्रों से होगी आराधना रात्रि जागरण, भजन कीर्तन श्री शिव बारात के आयोजन के साथ बंगलाघाट (विश्वनाथघाट) पर होगा मंगल परिणय पाणिग्रहण संस्कार ।
महाशिव रात्रि व्रत से भूत भावन भगवान शंकर जी प्रसन्न होकर श्रद्धालु भक्तों की मनोकामना का वरदान प्रदान करते है।
गंज बासौदा के पास उदयपुर के उदयेश्वर महादेव मंदिर में लगेगा भक्तों का मेला
शिव बारात पर होगी पुष्प वर्षा
धर्माधिकारी चौक में भगवान शिवजी की होगी पूजन आरती दिव्य शिव बारात का पुष्प वर्षा से होगा अभिनन्दन।

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