नर्मदा जयंती के पावन पर्व पर खेड़ी घाट में मां नर्मदा जी की आरती पालकी आतिशबाजी दादा दरबार छोटे दादा द्वारा हेलीकॉप्टर विमान से पुष्पों की वर्षा की गई.
नमामि देवी नर्मदे..! जीवन दायनी मां नर्मदा अमरकंटक से निकलकर वन क्षेत्र व भेड़ाघाट के पहाड़ो को चीरती हुई ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग से होते हुए आगे की ओर बढ़ती गई है ।श्रद्धा भाव से हर कोई मात श्री नर्मदे हर कहता दिखता है लाखों की तादाद में भक्तजन आरती और भंडारे का आनंद उठाते है लेकिन मां नर्मदा को प्रदूषित न करने जैसे उपायों के बारे में न सोचते हुए उसे प्रदूषित करने में लगा रहता है ।स्वच्छ व निर्मल जल से प्रवाहित होने वाली मा नर्मदा दिन-ब-दिन प्रदूषित होती जा रही है ।माँ नर्मदा की जयंती अवसर पर हजारों लोग पूर्ण श्रद्धाभाव से माँ नर्मदा में स्नान करके खुद को पवित्र कर मन को शांति सुकून से भर लेते है,लेकिन आत्मचिंतन नही करते कि माँ नर्मदा के जल को वह कैसे शुध्द रखेगे ,जब मां नर्मदा जल हमे पवित्र कर देता है, तो क्या हमारा कर्तव्य नही की हम उनके जल को पवित्र करने का संकल्प ले हमारा सभी का यह दायित्व बनता है ,कि हम सब मिलकर मां नर्मदा की स्वच्छ जल धारा को पवित्र बनाये रखने में अपना योगदान देवे ।यह कार्य सिर्फ सरकार का नही हम सभी को मिलकर इस कार्य को करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए ।मां नर्मदा में कूड़ा कचरा अवशिष्ट पदार्थ,पूजा सामग्री,प्लास्टिक के दीपदान जैसी चीजे न डालते हुए किनारों पर पूजा अर्चना करे ऐसा करने से मा नर्मदा का जल हमेशा शुध्द रहेगा