मनीष गर्ग स्टेट हेड मध्य प्रदेश
उस्ताद अलाउद्दीन खां समारोह में इतिहास के पन्नों का जानकारों को आमंत्रण तक नहीं दिया?
उस्ताद अलाउद्दीन खां का स्थान: आप पूर्वी के थे आपने संगीत साधना में बड़ी बड़ी कठिनाईयों का सामना किया और अंत में अपने लक्ष्य में विजय प्राप्त की। आरंभिक संगीत शिक्षा उन्होंने कलकत्ता में ली उसके बाद रामपुर स्टेट ( उ. प्र. राज दरबार के संगीतज्ञ बनीर अली खां से सरोद्र बाध्य की शिक्षा प्राप्त की हर नगरी का सौभाग्य है कि यहां पर शारदा मां की कृपा से महात्माओं फकीरों का स्थान रहा।
मैहर के राज हिजहाईनेस स्वर्गीय बृजनाथ सिंह संगीत में विशेष रूचि रखते थे। उन्होंने उस्ताद साउद्दीन खां को गहर में सन् 1919 में 125/ माह पर नौकरी में रख लिया था उस जमाने में यह बड़ी रकम मानी जाती थी उस्ताद के रहने के लिये महल में मकान रहने को दिया गया था महाराज का शिक्षण असर रात्रि में होता था, धीरे धीरे राजा ने एक बैंक जिसमें गरीबों एवं निराश्रित सड़कों को रखा था एवं उन्हें विभिन्न प्रकार के माध्य यंत्रों की शिक्षा उस्ताद से दिखाई उस्ताद देवी के रहे हमेशा एकाग्र में देवी की अराधना करते थे एक तरफ गीता एंव एक तरफ कुरान रखते थे। प्रायः हिन्दुओं के स्ोहरों में ज्यादा भाग लेते थे। आज भी उनके शिष्य एवं पुष, पुत्री, दामाद देश विदेशों में याति प्राप्त कर रहे हैं। उनका मकबरा भी शासन ने बनवाया है स्थान भी देखने योग्य है हर साल उस्ताद अलाउद्दीन समारोह संपन्न होता है पर यहां के एसडीएम ने 50 लोगों को आमंत्रण पत्र मीटिंग जो 18 फरवरी को होनी है उसके लिए बुलाया है पर जो खानदान 1952 से उस्ताद अलाउद्दीन खा के साथ पंडित पहलाद दास गर्ग सदैव साथ रहे पंडित पहलाद तो अब नहीं रहे पर उनके वंशज को आमंत्रण देना शासन प्रशासन और सरकार का कर्तव्य बनता है
मुख्यमंत्री जी और कमिश्नर रीवा संभाग के इस और ध्यान दे[pdf-embedder url=”https://paleturquoise-hippopotamus-476850.hostingersite.com/wp-content/uploads/2022/02/अल्लाउद्दीन-खान-बैठक-दिनाँक-18-2-22.pdf” title=”अल्लाउद्दीन खान बैठक दिनाँक 18-2-22″]
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