अरुण कुमार : सिलीगुड़ी:
सीमा सुरक्षा बल ने महिलाओं की सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए बॉर्डर से गुजरने वाली महिलाओं की जांच के लिए महिला कर्मियों को प्रशिक्षण के बाद तैनात किया
जायगा आने वाले दिनों में।.
उत्तर बंगाल फ्रंटियर के अधीन बैकुण्ठपुर में 355 महिला नव-आरक्षक बैच संख्या – 211 और 212 के दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया था सीमा सुरक्षा बल द्बारा।
इस भव्य परेड का निरीक्षण महामहिम श्री जगदीप धनखङ, राज्यपाल, पश्चिम बंगाल ने बतौर मुख्य अतिथि किया। राज्यपाल महोदय के साथ राज्य की प्रथम महिला डॉ सुदेश धनखड़ भी मौजूद थी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि महोदय ने महिला नव-आरक्षक बैच संख्या – 211 और 212 को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने एवं उत्कृष्ट दर्जे की परेड का प्रर्दशन करने पर बधाई दी साथ ही श्री अजय सिंह, महानिरीक्षक, सहायक प्रशिक्षण केन्द्र, बैकुन्ठपुर एवं उत्तर बंगाल सीमान्त और उनके अनुभवी अनुदेशकों की टीम की इस भव्य परेड को इस मुकाम पर पहुँचाने के लिये भुरि-भुरि प्रशंसा की।
राज्यपाल महोदय ने अपने संबोधन में कहा कि
पूरे देश मे महिला सशक्तिकरण और समानता की जो मुहिम चल रही है, सहायक प्रशिक्षण केंद्र, बैकुंठपुर की आज की महिला नव-आरक्षकों की यह परेड उसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। मैने परेड के निरीक्षण के दौरान इन महिला नव-आरक्षकों की आंखों में जो चमक और मजबूत इरादे देखे है वह आगामी भविष्य में बदलते भारत का परिचायक है। मैं आज इस परेड में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित होने पर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ।
मुख्य अतिथि के रूप में पश्चिम बंगाल के महामहिम राज्यपाल ने उपरोक्त बातें कहीं।
सहायक प्रशिक्षण केन्द्र, बैकुण्ठपुर, उत्तर बंगाल क्षेत्र का एकमात्र ऐसा प्रशिक्षण केन्द्र है, जिसने अभी तक 32367 सीमा सुरक्षा बल के नव-आरक्षकों एवं मुख्य आरक्षक (रेडियो मैकेनिक) और अन्य बल के 2573 कार्मिकों को प्रशिक्षित किया है। बैच संख्या- 211 में कुल 180 महिला नव-आरक्षक ने शपथ ग्रहण की है, जिनमें से 21 आन्ध्र प्रदेश से, 12 छत्तीसगढ से, 22 झारखण्ड से, 05 जम्मू-कश्मीर से, 19 मध्यप्रदेश से, 10 पंजाब से, 17 राजस्थान से, 31 उत्तरप्रदेश से, 25 ओडिशा से व 18 देश के विभिन्न प्रान्तो से है। बैच संख्या- 212 में कुल 175 महिला नव-आरक्षक ने शपथ ग्रहण की है, जिनमें से 20 आन्ध्र प्रदेश से, 11 छत्तीसगढ से, 20 झारखण्ड से, 07 जम्मू-कश्मीर से, 17 मध्यप्रदेश से, 12 पंजाब से, 19 राजस्थान से, 29 उत्तरप्रदेश, 24 ओडिसा से व 16 देश के विभिन्न प्रान्तो से है। बैच सं 211 में महिला नव-आरक्षक सुर्बना प्रधान प्रशिक्षण के सभी क्रिया कलापों में प्रथम स्थान पर रही जबकि बैच सं 212 में महिला नव-आरक्षक सुमन गोदारा प्रशिक्षण के सभी क्रिया कलापों में प्रथम स्थान पर रही, साथ ही प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न गतिविधियों में अलग- अलग प्रतिस्पर्धाओं में प्रथम स्थान पर रहने वाली कुल 10 महिला नव-आरक्षकों को मुख्य अतिथि ने ट्रॅाफी प्रदान कर सम्मानित किया।
चालिस से अधिक सप्ताह के कठोर प्रशिक्षण के बाद ये महिला नव-आरक्षक इस मुकाम पर पहुंची है। इस रंगारंग परेड को देखने के लिये सीमा सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारी, अन्य बलों और संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी, वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी, प्रतिष्ठित हस्थियां, प्रशिक्षुओं के माता-पिता व परिवारजन और गणमान्य अतिथि शामिल हुये। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं ने धीरे-धीरे अभ्यास कर विभिन्न प्रकार के हथियारों को चलाने, चांदमारी कुशलता, सीमा प्रबंधन, कानूनी प्रावधान, ड्रिल एवं बल की अन्य गतिविधियों में दक्षता प्राप्त की। इसके अतिरिक्त सहायक प्रशिक्षण केन्द्र, बैकुण्ठपुर के प्रशिक्षकों की सशक्त मेहनत से इनकी शारीरिक दक्षता में भी बढोतरी हुई है, जिसके परिणामस्वरूप यह सभी महिला नव-आरक्षक शारीरिक, मानसिक एवं व्यावसायिक तौर पर पूरी तरह से देश की सुरक्षा एवं देश विरोधी तत्वों का सामना करने के लिये तैयार है।
इस अवसर पर सीमा सुरक्षा बल महानिरीक्षक
श्री अजय सिंह, , सहायक प्रशिक्षण केन्द्र, बैकुंठपुर व सीमान्त मुख्यालय, कदमतला ने दीक्षांत परेड के दौरान मुख्य अतिथि का स्वागत किया एवं परेड के दौरान मुख्य अतिथि महोदय के साथ मौजूद रहे। परेड के समापन के बाद ई गुल्म की महिला नव-आरक्षको ने मोबाईल के दुष्प्रभाव पर एक शानदार प्रर्दशन की प्रस्तुति दी साथ ही ई गुल्म की लेह व लद्दाख क्षेत्र की रहने वाली महिला नव-आरक्षकों ने लद्दाख क्षेत्र की पारम्परिक वेशभूषा में लोकनृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया और संस्थान के पीटी अनुदेशकों ने शारीरिक दक्षता और विभिन्न कलाबाजियों को डेमो के माध्यम से प्रदर्शित किया, जिसकी सभी आगन्तुकों ने सराहना की । परेड के दौरान उपस्थित प्रशिक्षुओं के माता-पिता एवं परिवारजनों को इस यादगार परेड पर गर्व की अनुभूति हुई, जिसे वे जीवन भर अपनी यादों में संजो कर रखेंगे। परेड के बाद डॉ सुदेश धनखड़, महिला नव-आरक्षकों से मुखातिब हुई और उनकी हौसला अफजाई की ।
प्राप्त जानकारी अनुसार, सहायक प्रशिक्षण केंद्र, बैकुंठपुर में 818 महिला एवं पुरुष नव आरक्षक प्रशिक्षणरत थे, जिनमें से आज 355 महिला नव आरक्षक पास आउट हो चुकी है और अभी वर्तमान समय मे 463 महिला एवं पुरुष नव आरक्षक प्रशिक्षणरत है।
इस विषय में ज्ञात हो कि बीएसएफ के महानिदेशक
पंकज कुमार सिंह ने कहा था,
अनुशासनहीनता बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, किसी भी कीमत पर।बॉर्डर के हर गेट पर हमारे पास महिला कर्मी तैनात हैं जो केवल महिलाओं की तलाशी लेंगी और कुछ नहीं.” उन्होंने कहा कि अगर सीमा पर आम महिलाओं के साथ पुरुष कर्मियों के दुर्व्यवहार का कोई भी मामला सामने आएगा तो ऐसे कर्मियों के साथ सख्ती से पेश आया जाएगा. बीएसएफ महानिदेशक ने कहा था,”।
इस विषय में उल्लेख है कि,
बीएसएफ प्रमुख का यह बयान टीएमसी विधायक द्वारा हाल ही में लगाए गए एक आरोप के बाद आया था, जिसमें कहा गया था कि बीएसएफ के जवानों ने तलाशी के दौरान महिलाओं को गलत तरीके से छुआ.
इस विषय में ज्ञात हो कि पिछले साल इसकी शुरुआत पश्चिम बंगाल विधानसभा में एक चर्चा के दौरान बल के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के केंद्र के फैसले के विरोध में एक प्रस्ताव पेश किया गया था. इस दौरान विधायक उदयन गुहा ने सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों पर बीएसएफ द्वारा किए गए अत्याचारों के बारे में बात की थी.
इसे 1 दिसंबर, 1965 को स्थापित किए गए बीएसएफ के पास वर्तमान में लगभग 2.65 लाख कर्मी हैं.
देश में सीमा सुरक्षा बल के रैंक में लगभग 7,500 महिला कर्मी हैं, जिनमें से 139 अधिकारी हैं.
यह 6,300 किलो मीटर तक की भारतीय सीमा की रक्षा करता है, जिसमें पश्चिम में पाकिस्तान और देश के पूर्व में बांग्लादेश है. प्रशिक्षित महिला सीमा सुरक्षा में पंडित सीमाओं पर तैनात होने के बाद किसी भी तरह की अनैतिक
गतिविधियों का आरोप की संभावना नहीं रहेगी। अब देखना है कि आने वाले दिनों में भारत बांग्लादेश सीमा क्षेत्रों में तथा अन्य सीमा क्षेत्रों में महिला संबंधी आरोपों में कमी कितनी हो रही है।