चेतना हाई स्कूल ग्राम गडवाड़ा झाबुआ मेंविधिक साक्षरता/जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया-आंचलिक ख़बरें-राजेंद्र राठोर

Aanchalik Khabre
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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला न्यायालयझाबुआ के द्वारा हिन्दी सप्ताह (14 से 20 सितम्बर-2022) अंतर्गत आज दिनांक 20 सितम्बर-2022 को चेतना हाई स्कूल ग्राम गडवाड़ा झाबुआ मेंविधिक साक्षरता/जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया

झाबुआ, 20 सितम्बर 2022। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला न्यायालय झाबुआ के द्वारा हिन्दी सप्ताह (14 से 20 सितम्बर-2022) अंतर्गत आज दिनांक 20 सितम्बर-2022 को चेतना हाई स्कूल ग्राम गडवाड़ा झाबुआ में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोहम्मद सैय्यदुल अबरार के मार्गदर्शन में विशेष न्यायाधीश महेन्द्र सिंह तोमर की अध्यक्षता एवं प्राधिकरण के सचिव/जिला न्यायाधीश लीलाधर सोलंकी की उपस्थिति में संविधान के अंतर्गत प्रावधानित मूल कर्तव्य के पालन तथा लैंगिक अपराधों के संबंध में छात्र/छात्राओं को जागरूक किये जाने हेतु विधिक साक्षरता/जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के चित्र पर दीपप्रज्जवलित एवं माल्यार्पण कर किया गया।शिविर के माध्यम से विशेष न्यायाधीश महेन्द्र सिंह तोमर ने उपस्थित छात्र/छात्राओं को मौलिक कर्तव्यों के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि वर्ष 1976 में 42वें सविधान संशोधन के द्वारा भारतीय संविधान में मूल कर्तव्यों को जोड़ा गया। और उसके बाद 2002 में 86वें संविधान संशोधन कर ग्यारवें मूल कर्तव्य के तौर पर 6 वर्ष से 14 वर्ष के उम्र के बच्चों को स्कूली शिक्षा सुविधा मुहैया कराने की बात कही गई। उन्होंने उपस्थित छात्र/छात्राओं से मौलिक कर्तव्यों के पालन के लिए आह्वान किया। तोमर ने कहा कि मूल कर्तव्यों के तहत प्राकृतिक चीजे जितनी है हमें उनकी रक्षा करनी चाहिए। देश को आगे बढ़ाने में अपना सहयोग करना चाहिए। तोमर ने उदाहरणों के माध्यम से छात्र/छात्राओं को मौलिक कर्तव्य के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। इस क्रम में उन्होंने बताया कि हम लोग झाबुआ में रहते हैं और हमें जरूर जंगल और जमीन की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने छात्र/छात्राओं से अपने माता-पिता एवं गुरूजनों का सम्मान करने के लिए कहा। संबोधन के इस क्रम में जिला न्यायाधीश/सचिव लीलाधर सोलंकी ने मोटरयान अधिनियम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि छात्र स्कूल व कॉलेज में बिना लाईसेंस, हेलमेट के मोटर साईकिल लेकर आते है, जबकि बिना लाईसेंस एवं हेलमेट के वाहन चलना अपराध हैं माता-पिता को भी बच्चों को वाहन चलाने की अनुमति 18 वर्ष की आयु हो जाने तथा लाईसेंस बन जाने के बाद ही दी जाना चाहिए। बच्चों को अपने जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए तथा हेलमेट और अमूल्य जीवन की तुलना कर, समझना चाहिए की क्या ज्यादा कीमती है। शिविर में जिला विधिक सहायता अधिकारी सागर अग्रवाल द्वारा छात्र/छात्राओं को लैंगिक अपराधों से बालकों का सरंक्षण अधिनियम, शिक्षा का मूल अधिकार, बाल-विवाह प्रतिषेध अधिनियम आदि विषयों पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उक्त शिविर के साथ ही चेतना हाई स्कूल परिसर में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न प्रजातियों के छायादार एवं फलदार पौधों को रोपित किया गया। पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए न्यायाधीशगणों ने पर्यावरण संरक्षण एवं वृक्षारोपण का महत्व बताते हुए कहा कि हम सभी को किसी भी महत्वपूर्ण तिथियों के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेते हुए एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। साथ ही पौधों की देखभाल करना भी हमारा कर्तव्य है। जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ पर्यावरण एवं जलवायु प्राप्त हो सके। कार्यक्रम का संचालन अविनाश बारिया ने किया तथा आभार बेनेडिक डामोर ने माना। उक्त शिविर में स्कूल प्राचार्य राकेश वसुनिया एवं छात्र/छात्राऐं उपस्थित रहें।

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