चित्रकूट। वर्ष 2022-23 के लिये खरीफ एवं रबी फसलों तथा मत्स्य एवं पशुपालन के लिये वित्तमान तैयार करने हेतु जिला स्तरीय समिति की बैठक जिलाधिकारी शुभ्रान्त कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिलाधिकारी ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रति वर्ष वित्तमान निर्धारण के अन्तर्गत कृषकों की आर्थिक गतिविधियों जैसे विभिन्न फसली, फल, फूल, सब्जिया, मसालों एवं औषधियों के उत्पादन, विभिन्न लाइव स्टॉक जैसे गाय, भैस, बकरी भेड सूकर, मुर्गी तथा मछली पालन कार्यक्रमों में उत्पादन लागत का निर्धारण किया जाता है जिसका उपयोग बैंकों द्वारा किसान क्रेडिट कार्य के लिये फसली ऋण की सीमा के निर्धारण में किया जाता है। ये बैठक एक अवसर है कि चालू वर्ष में जिंसों के उत्पादन लागत का सम्यक परीक्षण कर लिया जाय तथा आय के आधार पर कृषकों की ऋण वापसी क्षमता को ध्यान में रखते हुए वित्तमान का निर्धारण किया जाय ताकि ऋणी कृषक की आर्थिक गतिविधियां सुचारू रूप से चल सके, साथ ही उन्हें ऋण जाल में फँसने से बचाया जा सके। जनपद चित्रकूट आकांक्षी जनपद है, यहाँ की शस्य जलवायु स्थिति में फसलोत्पादन, पशुपालन, मत्स्य पालन चुनौतीपूर्ण कार्य है। ऐसे में किसानों व पशुपालकों के लिए नए सिरे से वित्तमान निर्धारण किए जाने से उनकी साख सीमा बढ़ सकेगी जिससे वे अधिक ऋण प्राप्त कर सकते हैं और कृषि व अन्य उत्पादों का उत्पादन करके अपनी आर्थिक सामाजिक स्थिति में सुधार कर सकेंगे। जिला कृषि अधिकारी आर पी शुक्ल ने खरीफ व रबी फसलों की जिन्सवार उत्पादन लागत प्रस्तुत करते हुए समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जिसे यथाप्रस्ताव अनुमोदित किया गया। औद्यानिक फसलों में प्रति इकाई क्षेत्रफल पेश किए गए प्रस्ताव में संशोधन के बाद अनुमोदन के लिए निर्देशित किया गया। मत्स्य एवं पशुपालन विभाग के वित्तमान संबंधी प्रस्ताव कतिपय संशोधन के बाद अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किए जाने का समिति द्वारा निर्णय लिया गया।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अमित आसेरी, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व कुंवर बहादुर सिंह, जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड बाँदा/चित्रकूट, संदीप कुमार, उप निदेशक कृषि बालगोविन्द यादव, अग्रणी जिला प्रबंधक आशुतोष कुमार, जिला उद्यान अधिकारी डॉ बल्देव प्रसाद व अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।