सनसनीखेज अंधे कत्ल का मेहगाँव पुलिस ने किया खुलासा-आंचलिक ख़बरें-अटल तिवारी

Aanchalik Khabre
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ऐसी मित्रता सोच कर भी न करें, जो दोस्त ही दोस्त का कातिल बन जाये

 

भिण्ड। पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह चौहान व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमलेश कुमार खरपूसे के निर्देशन में तथा एसडीओपी आरकेएस राठौर के मार्गदर्शन में मेहगाँव पुलिस ने एक अनसुलझी रहस्यमयी मौत का खुलासा कर आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हांसिल की।
नवागत पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह चौहान ने आज पुलिस कंट्रोल रूम में पत्रकारवार्ता में जानकारी देते हुये बताया कि 30 नबम्बर 2021 को सुबह 11 ग्वालियर रोड़ नारोलिया के मकान के पास शोल्डर के नीचे ढलान पर एक शव पड़े होने की सूचना मेहगाँव पुलिस को मिलती है, तभी मेहगाँव पुलिस घटनास्थल पर पहुँचकर शव को उठाकर पीएम हेतु भेज देती है। और अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध अपराध क्रमांक 461/21 धारा 302, 201 के तहत मर्ग कायम कर विवेचना प्रारम्भ होती है। मृतक की पहिचान संतोष पुत्र सुमेर चंद्र निवासी मेहगाँव की होती है, उसके बाद छानबीन शुरू होते ही सनसनीखेज अंधे कत्ल की रहस्मयी मौत का पर्दाफाश धीरे-धीरे खुलना शुरू होता है। मृतक संतोष की घटनास्थल से एक चप्पल शव के पास से तथा दूसरी चप्पल मृतक के अल्टो कार से जो तीन किलो मीटर दूर कृषि उपज मण्डी के प्रागंण में लावारिश हालत में बरामद हुई। सारे बिन्दुओं पर नजर डालते ही यह तो सिद्ध हो गया था कि मृतक की हत्या हुई है, आरोपी बड़ा ही शरारती दिमाग का था, हर साक्ष्य मिटाने का हरसंभव प्रयास किया, परन्तु पुलिस से बच नहीं सका, पुलिस ने मृतक की दिनचर्या पर सबसे पहले फोकस डाला, उसके यार-दोस्तों से भी पूछताछ की गई, उसके बाद उसके मोबाइल की सीडीआर एवं सीसीटीवी कैमरों के फुटेज का एनालाईज किया गया। पुलिस ने तभी मृतक के सगे मित्र रिंकू को उठाकर पुलिसिया अंदाज में पूछताछ की तो उसने सारी आपबीती ताश के पत्तों की तरह उगल दिया। आरोपी रिंकू ने पुलिस को बताया कि मृतक संतोष मेरी पत्नी के बारे में हर वक्त अश्वलील शब्दों का प्रयोग करता था, में हर बार टाल मटोल कर जाता था, लेकिन हद हो गई उसके बाद मेंने संतोष की हत्या करने का पूर्ण मन बनाकर लिया था, घटना दिनांक के दिन सबसे पहले मैंने संतोष के मोबाइल पर कॉल कर जुआ खेलने के लिए बुलाया, परन्तु मेरी बातों में संतोष न आया, उसके बाद मैंने उसको शराब पीने के लिये अपने साथ बुलाया, उसके आने के बाद हम दोनों ने बंद पड़े पेट्रोल पंप के सामने अल्टो कार में ही शराब पी, उसके बाद मैंने पुरानी बातें पुन: उससे दौहराई, तो वही उसके पुराने अश्वलील शब्द फिर उसके जुँबा से निकले, उसके बाद मैंने संतोष का रस्सी से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। साक्ष्य छिपाने के लिए मैंने मृतक संतोष का मोबाइल अपने पास रखकर उसके शव को ग्वालियर रोड़ पर फेंक दिया। आज के भयाभय आधुनिक दोर से स्पष्ट होता है कि दोस्ती बड़े सोच समझकर किसी से करो, क्योंकि इस प्रकार की घटनाऐं बहुत कुछ आने वाले युग को सिखा देती है।
आरोपी के गिरेवान तक पहुँचने में इन पुलिस अधिकारियों का रहा अहम् रोल
इस अंधे कत्ल का खुलासा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मेहगाँव थाना प्रभारी निरीक्षक डीबीएस तोमर, उपनिरीक्षक परशुराम अहिरवार, उपनिरीक्षक अरविन्द सिकरवार, उपनिरीक्षक आरती राठौर, प्रधान आरक्षक प्रदीप पचौरी, आरक्षक प्रदीप, पदम तथा सायबर सेल प्रभारी उपनिरीक्षक शिवप्रताप सिंह तथा आरक्षक आनंद व महेश की विशेष भूमिका रही।

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