27 दिसंबर से प्रदेष में एक साथ 32 हजार संविदा कर्मचारियों का जेल भरो आंदोलन शुरू होगा -ः संघ जिलाध्यक्ष डाॅ. लोकेश दवे
गिरफतार संविदाकर्मियों की तत्काल रिहाई की मांग, मांगे पूरी नहीं होने तक सत्त जारी रखा जाएगा आंदोलन
मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं प्रदेश युवक कांग्रेस अध्यक्ष डाॅ. विक्रांत भूरिया ने संविदाकर्मियों के साथ की गई बर्बरतापूर्वक पर ट्विट कर जताया विरोध
झाबुआ। मप्र की राजधानी भोपाल में 24 दिसंबर को हाॅस्पिटल में स्वास्थ्य मंत्री के निरीक्षण के दौरान उनका मांगों को लेकर स्वागत बाद पुलिस प्रशासन ने 10 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की आपराधिकपूर्वक गिरफतारी कर जेल भेजने से क्षुब्ध मप्र संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी सघ ने 25 दिंसबर रविवार को काला दिवस मनाया गया। जिसमें प्रदेश के क्रम में जिले में भी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मौन रहकर अपना विरोध प्रकट किया। 10 संविदाकर्मियों की गिरफतारी के विरोध में ही 27 दिसंबर, मंगलवार से प्रदेष में एक साथ 32 हजार संविदा कर्मचारियों का जेल भरो आंदोलन चलाया जाएगा।
उक्त जानकारी देते हुए मप्र संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष डाॅ. लोकेश दवे ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिषन मध्यप्रदेश में कार्यरत 32 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी न्यायोचित प्रमुख मांगो को लेकर विगत 7 दिसम्बर से चरणबद्व आंदोलन कर रहे थे। जिसकी सूचना विधिवत् शासन-प्रशासन को पूर्व में ही दी जा चुकी है। 14 दिसंबर तक शासन से मांगो के निराकरण नहीं होने की स्थिति में 15 दिसंबर से एनएचएम अंतर्गत प्रदेश के 32 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिष्चितकालीन हड़ताल पर रहे। इसी बीच आंदोलन के दौरान 10वे दिन 24 दिसंबर, शनिवार को भोपाल में संविदा कर्मचारी जेपी अस्पताल में शांतिपूर्ण एवं गांधीवादी तरीके से धरना प्रदर्शन कर रहे थे। उस दौरान मप्र शासन के स्वास्थ्य मंत्री हाॅस्पिटल निरीक्षण करने पहुचे थे। इस दौरान संविदाकर्मियो ने मांगो को लेकर उन्हे अवगत करवाया एवं पुष्पमालाओ से स्वागत किया।
10 कर्मचारियों की गिरफतारी कर जेल भेजा गया
स्वास्थ्य मंत्री के जाने के बाद पुलिस प्रशासन ने 10 साथियो को अन्याय पूर्ण एवं दमनकारी साजिश के तहत उन्हे रस्सी सेें बांधकर आदतन अपराधियो की तरह सडक रास्ते से जेल ले जाया गया। जिससे प्रदेश के समस्त 32 हजार कर्मचारियो में आक्रेाश है। जिसके चलते पूरे प्रदेष में रविवार को काला दिवस मनाते हुए मौन प्रदर्षन किया गया।
पूर्व सीएम कमलनाथ एवं मप्र युकां अध्यक्ष डाॅ. विक्रांत भूरिया ने जताया विरोध
संघ की मांग है कि जल्द ही गिरफतार किए गए संविदाकर्मियों को स-सम्मान रिहा किया जाए, अन्यथा 27 दिसंबर से प्रदेश के 32 हजार संविदाकर्मी जेल भरो आंदोलन करेंगे। उधर मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं मप्र युवक कांग्रेस अध्यक्ष डाॅ. विक्रांत भूरिया ने भी सोषल मीडिया पर ट्विट कर इस घटना पर अपना आक्रोष जताया एवं नाराजगी जाहिर की है। प्रदेश युकां अध्यक्ष डाॅ. विक्रांत भूरिया ने अपने जारी बयान में कहा कि संविदा कर्मचारी, जो स्वास्थ्य जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं देखते है। पिछले 2 साल कोरानाकाल में भी उनके द्वारा दिन-रात सेवाएं दी गई। स्वास्थ्य विभाग की इस महत्वपूर्ण कड़ी को मप्र सरकार द्वारा नजर अंदाज करना सरासर गलत है एवं न्याय विरूद्ध है। मप्र सरकार को संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की यथोचित मांगों को अतिशिघ्र पूरा किया जाना चाहिए एवं उन्हें राहत प्रदान किया जाना बहुत जरूरी है।