झुंझुनू प्रशासन की नाकामी आई सामने
झुंझुनू प्रशासन की नाकामी आई सामने भूखे प्यासे गरीब लोग छोड़ रहे हैं झुंझुनू नहीं मिल रहा है उनको खाना पैदल ही चल दिए दूसरे राज्यों की ओर उनका साफ कहना है कि चार रोज से भूखे बैठे हैं लेकिन प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली अब भगवान भरोसे पर अपने घरों की ओर चल दिए हैं ताकि कम से कम जान तो बचा सके झुंझुनू प्रशासन केवल भामाशाह से चंदा इकट्ठा करने में लगा है और अपनी पीठ थपथपा रहा है जबकि उनको भूखे प्यासे गरीब लोगों की कोई परवाह नहीं है इससे साफ लगता है कि झुंझुनू में बैठे मठाधीश की नाकामी उजागर हो गई है जिसके चलते आम जनता में भारी रोष व्याप्त है आने वाले समय में यदि प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो इससे बड़ी और प्रशासन की नाकामी राज्य सरकार के सामने क्या होगी एक तरफ मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि कोई भूखा न सोए मगर झुंझुनू मुख्यालय पर लोग भूख के मारे अपना स्थान छोड़ रहे हैं और पैदल ही घरों की तरफ अपनी जान बचाने के लिए चल दिए है। जिला कलेक्टर को गहरी नींद से जागना होगा और इन गरीबों की सहायता के लिए कोई निर्णायक कदम उठाना होगा इस चैक वाली फोटो फोबीया से भी बाहर निकलना होगा।
झुंझुनू से ग्वालियर के लिए निकले लोग पैदल ही परिवार के साथ चल पड़े। अपनी जान बचाने के लिए उनका साफ कहना है कि प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं मिली चार रोज से भूखे बैठे हैं इसलिए जान है तो जहान है बच्चों के साथ पैदल निकल लिए।