झाबुआ, 26 अप्रेल 2022। झाबुआ महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध, प्रतितोष) अधिनियम की धारा-4 अनुसार आंतरिक परिवाद समिति का गठन विभिन्न सदस्यों से किया जाता है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत पदेन जिला अधिकाकारी के मार्गदर्शन में अपील की गई है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास राधुसिंह बघेल ने बताया कि इस समिति में पीठासीन अधिकारी कार्यस्थल पर कार्यरत वरिष्ठ (पद में) महिला अधिकारी/कर्मचारी वरिष्ठ महिला उपलब्ध नहीं होने पर अन्य कार्यालय से ऐसी महिला को नामांकित किया जायेगा । कर्मचारियों में से दो सदस्य ऐसे होंगे जो महिलाओं की समस्याओं के प्रति प्रतिबद्ध है अथवा जिनके पास समाज सुधार के कार्य में अनुभव है या विधिक ज्ञान हो । महिलाओं की समस्याओं के प्रति प्रतिबद्ध लैंगिक उत्पीड़न संबंधित मुद्दो से परिचित गैर- सरकारी संगठनों से एक सदस्य नामांकित किया जायेगा । उन्होंने बताया कि कुल नामांकित सदस्यों में से कम से कम आधी सदस्य महिलायें होगी, जिसमें पुरूष होना अनिवार्य है । समिति के पीठासीन अधिकारी एवं सदस्यों की नियुक्ति अधिकतम 3 वर्ष के लिए होगी, इसके पश्चात समिति पुर्नगठन किया जायेगा । जिला कार्यक्रम अधिकारी राधुसिंह बघेल ने बताया कि अधिनियम के अन्तर्गत आंतरिक परिवाद समिति का गठन नियमानुसार न होने से अधिनियम की धारा 4 अनुसार न होने की स्थिति में धारा 26(1) अंतर्गत 50,000/- रूपये तक के जुर्माने से दंडित करने का प्रावधान है । उन्होंने महिलाओं के कार्यस्थल पर योन उत्पीड़न अधिनियम 2013 अन्तर्गत गठित आंतरिक परिवाद समिति का गठन नियमानुसार करने की अपील की है । इस समिति के गठन के संबंध में आवश्यक जानकारी हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग के सहायक संचालक अजयसिंह चौहान- मो.न. 8964077275, श्री बालुसिंह सस्तिया- मो.न. 7869085311, श्रीमती वर्षा चौहान मो.न. 7999096231 पर संपर्क कर सकते है ।
आंतरिक समिति का गठन करने की अपील-आंचलिक ख़बरें-राजेंद्र राठौर
