शमषान घाट तक जाने के लिए नहीं रास्ताए गुस्साऐं ग्रामीणों ने शव को पंचायत भवन के सामने रखकर किया हंगामा, 5 घंटे बाद पुलिस की निगरानी में हुआ अंतिम संस्कार
अगर आपकों बताया जाऐं कि शमषान घाट तक जाने के लिये रास्ता नहीं है तो शायद आपको झटका लगेगा। फिर आपके मन में सवाल आएगा कि अगर रास्ता नहीं है तो शवों के कैसे लेकर जाते होगें, तो आप सही सोच रहे है एक गांव के लोग खेतों में से शवों के लेकर जाते है आज दिनांक गुस्साऐं ग्रामीणों ने शव को पंचायत भवन रेंहट के सामने रखकर हगांमा कर दिया। हंगामा होने के बाद प्रशासन एवं पुलिस ने मोर्चा संभाला, बडी मसक्कत के बाद ग्रामीणों को समझाया गया , आज अस्थाई निराकरण जहां पर मोनू उपाध्याय के खेत में खडी सरसों की फसल में से g शव को ले जाते हुये ग्रामीणों कों 15 दिवस के भीतर स्थाई निराकरण के साथ मुक्तिधाम के लिये रोड बनबाने पर सहमति बनी एवं पुलिस की निगरानी में करीब 5 घंटे बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया।