सैंचुरी प्रबंधन ने बगैर सूचना के वीआरएस का नोटिस लगाया-आँचलिक ख़बरें-राम स्वरूप मंत्री

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श्रम आयुक्त ने भी माना सैंचुरी प्रबंधन ने बगैर सूचना के वीआरएस का नोटिस लगाया, सैंचुरी के मजदूरों कर्मचारियों ने श्रम आयुक्त कार्यालय पर किया प्रदर्शन ,

मजदूरों की भावनाओं से कराया अवगत, कोर्ट के आदेश और कानून तथा संविधान का बिरला समूह पालन करें ,,अवैधानिक तरीके से लगाए वीआरएस के नोटिस को वापस ले

खरगोन जिले की सेंचुरी कंपनी के मजदूरों ने आज इंदौर पहुंचकर श्रम आयुक्त कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया तथा मिल प्रबंधन द्वारा अवैधानिक रूप से बीआरएसके लगाए नोटिस के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया बड़ी देर तक सैंचुरी के मजदूर महिला और पुरुषों ने श्रम आयुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन कर वीआरएस के नोटिस और नील को बेचने की साजिश के खिलाफ अपना रोष जताया आज सुबह सैंचुरी के सैकड़ों की तादाद में मजदूर इंदौर पहुंचे थे ।
उन्होंने श्रम आयुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया तथा बाद में श्रम आयुक्त से चर्चा की तथा उन्हें स्थिति से अवगत कराया ।मजदूरों ने अवैधानिक रूप से मिल प्रबंधन द्वारा वीआरएस का नोटिस लगाए जाने की जानकारी जब श्रम आयुक्त को दी और उनसे पूछा कि क्या आप की स्वीकृति से यह नोटिस लगाया गया है तो उन्होंने कहा कि हमें कोई सूचना नहीं थी ,लेकिन आज ही मेल से Mil प्रबंधन ने हमें नोटिस की कॉपी भेजी है वह कापी भी प्रतिनिधिमंडल को देते हुए कहा कि वीआरएस का मतलब ही है स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, जो मजदूर वीआरएस नहीं लेना चाहता उस पर कंपनी प्रबंधन दबाव नहीं बना सकता है ।
आज के इस प्रदर्शन का नेतृत्व नवीन मिश्रा दुर्गेश खोते ,चंचला सुने,रे ज्योति भदाने, प्रमोद नामदेव, रामस्वरूप मंत्री, बैजनाथ यादव, हेमंत गोसावी, राजेश खेते, आदि ने किया प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि सेंचुरी मील के मालिक व प्रबंधन ने अवैधानिक रूप से वीआरएस का नोटिस लगाया है ।जीन युनियनों की मिल में कोई सदस्यता नहीं है या नाम मात्र की सदस्यता है तथा जिसके बारे में श्रम आयुक्त के नोटिस के बाद भी वे अपनी सदस्यता सत्यापित नहीं कर पाए हैं, ऐसी यूनियनों से चर्चा करके मिलने मजदूरों के पीठ पर छुरा भोंकने का काम किया है ।
मजदूरों में इसके खिलाफ आक्रोश है और वे फिर आंदोलन का रास्ता अपना रहे है। हम सड़क की और कानून की दोनों तरह की लड़ाई लड़ेंगे और मिल को चला कर ही मानेंगे । प्रबंधकों द्वारा Mil को बेचने की जो साजिश रची जा रही है उसके खिलाफ 90% मजदूर है और वह वीआरएस लेने को तैयार नहीं है ।

प्रदर्शन में प्रमुख रूप से नवीन मिश्रा संतोष गुप्ता रामस्वरूप मंत्री, प्रमो द नामदेव, सोनू शर्मा, दुर्गेश खोते, शिव कुमार गिरी, बैजनाथ यादव ,ज्योति बताने, चंचला सुनेर ,सुदर्शन साहू ,जबरी प्रसाद प्रजापति, सूर्य देव भारद्वाज, हेमंत गोस्वामी, राजेश खेते से सहित बड़ी संख्या में मजदूर कर्मचारी मौजूद थे ।

चर्चा में साफ रूप से श्रमिक संघ की ओर से कहा गया कि बीआरएस के नोटिस कानूनी प्रक्रिया का खुले रुप से उल्लंघन है Mil चलाया जाना ही एकमात्र विकल्प है और यदि औद्योगिक अशांति फैलती है तो उसके लिए मिल प्रबंधन और शासन ही जिम्मेदार होगा । सेन्चुरी के श्रमिकों के साथ इंदौर और पूरे मध्यप्रदेश के श्रमिकों किसान संघर्ष में साथ रहेंगे ।

 

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