शासकीय MahaVidyalaya बड़वाह में निर्माणाधीन भवन में ठेकेदार द्वारा अमानक स्तर की सामग्री उपयोग

Aanchalik Khabre
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MahaVidyalaya बड़वाह में निर्माणाधीन भवन में अमानक स्तर की सामग्री उपयोग
MahaVidyalaya बड़वाह में निर्माणाधीन भवन में अमानक स्तर की सामग्री उपयोग

शासकीय MahaVidyalaya बड़वाह में भवन निर्माण में ठेकेदार द्वारा काली रेत निर्माण में उपयोग की जा रही है।

शासकीय MahaVidyalaya बड़वाह में लगभग 10 करोड़ की लागत से भवन स्वीकृत हुआ था । जो कि वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव जी ने तत्समय उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए नगर को यह सौगात दी थी। जिसका निर्माण वर्तमान में जारी है । ठेकेदार द्वारा निर्माण में घटिया, अमानक स्तर की निर्माण सामग्री (रेत,गिट्टी, सीमेंट,सरिया) का प्रयोग किया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा काली रेत निर्माण में उपयोग की जा रही है।
उक्त शिकायत सामाजिक कार्यकर्ता विशाल वर्मा ने कलेक्टर महोदय को की ।

MahaVidyalaya बड़वाह में निर्माणाधीन भवन में अमानक स्तर की सामग्री उपयोग
MahaVidyalaya बड़वाह में निर्माणाधीन भवन में अमानक स्तर की सामग्री उपयोग

शिकायत में यह भी बताया कि वर्तमान समय में किसी भी सरकारी वर्क आर्डर में काली रेत का उपयोग नहीं किया जाता है। वर्क आर्डर में बालू रेत रहती है उसकी क्वालिटी स्पष्ट रूप से अंकित रहती है, जिसका पालन भी ठेकेदार द्वारा नहीं किया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा बोल्डर गिट्टी के स्थान पर बारीक गिट्टी का प्रयोग भी नींव भरने में किया जा रहा है ।

जबकि बड़े शासकीय भवन निर्माण में 10 एमएम से छोटी बोल्डर गिट्टी का उपयोग करना वर्जित है । ठेकेदार द्वारा इसका भी पालन नहीं किया जा रहा है । गौरतलब तथ्य यह है की संपूर्ण निर्माण कार्य में स्वीकृत मानक स्तर का पालन नहीं किया जा रहा एस्टीमेट के विपरीत कार्य किया जा रहा है।

ठेकेदार द्वारा की जा रही अनियमितताओं में महाविद्यालय प्रशासन की भी संदिग्ध भूमिका है MahaVidyalaya प्रशासन द्वारा पूरे प्रयास किया जा रहे हैं कि नगर का कोई व्यक्ति इस निर्माण कार्य स्थल तक ना पहुंच पाए इसके लिए चारों ओर से मैदान को सील कर दिया गया है बैरिकेड लगाकर पैदल घूमने वालों को पूरी तरह से वर्जित कर दिया गया है जबकि विगत 70 साल से शहर के नागरिक व महाविद्यालय प्रशासन छात्र आदि इस मैदान का प्रयोग अपने-अपने स्वास्थ्य लाभ के लिए आपसी सामंजस्य से करते आ रहे हैं।

गत 70 सालों में मैदान में जाने की रोक-टोक नहीं थी लेकिन हाल ही में निर्माण से ठीक पहले कॉलेज में बाहरी तत्वों का प्रवेश का जबरिया माहौल बनाकर नागरिकों को कॉलेज मैदान से दूर रखने के प्रयास किए जा रहे है। जबकि आज तारीख तक ना महाविद्यालय में ना पुलिस थाने में इस तरह की कोई शिकायत दर्ज है । वर्षों से खुले मैदान को अचानक सील करना संदेह पैदा करता है ।ऐसा प्रतीत होता है कि इनकी मंशा है कि ठेकेदार, कॉलेज प्रशासन इस कथित कार्य व वहां चल रहे हैं क्रियाकलापों के भ्रष्टाचार उजागर न होने पाए।

MahaVidyalaya प्रशासन द्वारा आरटीआई की जानकारी में भी बताया कि उक्त निर्माण के स्थान चयन और निर्माण में MahaVidyalaya प्रशासन की भूमिका नहीं है

जबकि MahaVidyalaya प्रशासन द्वारा आरटीआई की जानकारी में भी बताया कि उक्त निर्माण के स्थान चयन और निर्माण में MahaVidyalaya प्रशासन की भूमिका नहीं है। महाविद्यालय में कई समस्याएं जैसे – पढ़ाई नहीं होना, छात्रों की उपस्थिति कम होना प्रत्येक वर्ष परीक्षा परिणाम में गिरावट आदि विद्यमान है । इन्हे हल करने के बजाय केवल बिल्डिंग निर्माण पर ही बैठकें होती है। इससे भी संदेह उत्पन्न होता है।

उक्त निर्माण राज्य शासन द्वारा स्वीकृत है एवं लोक निर्माण विभाग पी आई यू ,पी डब्ल्यू डी विभाग द्वारा किया जा रहा है स्थान का चयन भी इन्हीं के द्वारा किया जाना था लेकिन महाविद्यालय प्रशासन एवं जन भागीदारी अध्यक्ष द्वारा इस भवन में निर्माण एवं स्थान चयन में अत्यधिक हस्तक्षेप किया गया।

कई बार बैठक लेकर निर्माण स्थल को पीछे की तरफ खाली मैदान में निर्माण करने पर जोर दिया, व निर्माण करवाया जबकि पुराने भवन के स्थान पर इस नवीन भवन का निर्माण किया जा सकता था। निर्माण आमजन की नजरों से दूर पीछे की ओर करने में एवं निर्माण में की गई जल्दबाजी में उनकी संदिग्ध होती भूमिका की भी जांच निष्पक्षता से की जाए।

कलेक्टर महोदय से निवेदन किया कि इस निर्माण में उपयोग की जा रही समस्त सामग्री और रेट गिट्टी सीमेंट, सरिया आदि के मानक स्तर, मिलावट अनुपात, क्वालिटी स्तर एवं कंपनी स्तर की जांच की जाए एवं इस निर्मित भवन की संरचनाओं के भिन्न-भिन्न स्थानों से नमूने त्वरित रूप से लेकर जांच की जाए तथा जांच पूर्ण होने एवं शिकायत का समाधान होने तक निर्माण कार्य को रोका जाए।

ताकि जनता के टैक्स के करोड़ो रूपये में भ्रष्टाचार ना हो। साथ ही MahaVidyalaya प्रशासन एवं जन भागीदारी अध्यक्ष की संदिग्ध भूमिका की भी जांच की जाए। शिकायत कर्ता विशाल वर्मा ने विधायक सचिन बिरला को पत्र लिखकर जांच करवाने को मांग भी की है ।

 

सचिन शर्मा,  बड़वाह

 

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