यह गाय का बछड़ा या बछड़ी नहीं पूरी वयस्क गाय है-आँचलिक ख़बरें-विनोद गोयल

Aanchalik Khabre
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दुनिया की सबसे छोटी गाय की नस्ल भारतवर्ष में ही पाई जाती है| बेहद अनोखी सुंदर होती है बोनी नस्ल की यह दक्षिण भारतीय देसी गौ माता …. जिसे पुंगनूर कहा जाता है यह आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के पुंगनूर इलाके में पाई जाती है इसकी ऊंचाई अधिकतम 3 फिट होती है |

4 से 5 किलो दाने पानी सूखा हरा जैसा भी हो उसमें इसका पेट भर जाता है 3 से 5 लीटर दूध देती है| जबरदस्त खासियत यह है इस के दूध में फैट की मात्रा 8 से लेकर 9% होती है आमतौर पर गाय के दूध में चाहे देसी नस्ल हो या विदेशी उनके दूध में फैट की मात्रा 3 से 5 फ़ीसदी तक होती है लेकिन पुंगनूर गाय दूध के गाढ़ापन के मामले में यह भैंसों को भी मात दे देती है… बहुत ही गुणकारी इसका दूध होता है मात्रा बेशक भले ही कम हो… वैसे इसके आकार खुराक के हिसाब से दूध की मात्रा कम नहीं है| जिनको गाय के दूध से पतलेपन से शिकायत होती है उनके लिए यह सर्वश्रेष्ठ विकल्प है बहुत कम जगह में बहुत कम प्रबंध में इसका पालन किया जा सकता है| भीषण सूखे अकाल में भी है रुखा सुखा खाकर दूध देती है drought resistance नस्ल है…. लेकिन चिंता की बात यह है सरकारी मूर्खता जर्सी एचएफ से क्रॉस कराने के कारण यह गाय कुछ सैकड़ों ही नस्ली शुद्धता में आंध्र प्रदेश में बची है… 200 के लगभग गाय तिरुमला तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रांगण में है…. वहां उनकी विशेष देखरेख होती है…. आंध्र प्रदेश के दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में यह देखने को मिल जाती है….
छोटी सी सुंदर देसी गौ माता की खूबियों से परिचित होने पर आंध्र प्रदेश सरकार ने 70 करोड रुपए की धनराशि अक्टूबर 2020 में इस गाय की नस्ल को बचाने के लिए आवंटित की है… देखते हैं क्या होता है…..?

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