झुंझुनू।राजस्थान हाईकोर्ट ने उप निरीक्षक पुलिस भर्ती परीक्षा -2016 में लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण महिला अभ्यर्थी के गर्भवती होने के कारण,उसकी शारीरिक दक्षता परीक्षा डिलीवरी के बाद लिए जाने हेतु दायर याचिका की सुनवाई के उपरांत, राज्य के गृह सचिव, डीजीपी, आईजी (भर्ती) व सचिव आरपीएससी को नोटिस जारी कर,जवाब तलब कर, प्रार्थिया के सम्बंध में उप निरीक्षक का एक पद सुरक्षित रखने के आदेश जारी किए हैं।
मामले के अनुसार बहादुरवास की संगीता ने एडवोकेट संजय महला के जरिये याचिका दायर कर बताया कि आरपीएससी द्वारा उप निरीक्षक पुलिस भर्ती 2016 का परिणाम दिनाँक 26 अगस्त 2019 को जारी हुआ, जिसमें प्रार्थिया उत्तीर्ण हुई।पुलिस विभाग ने सफल अभ्यर्थियों को शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीएसटी/पीईटी) हेतु 23 सितम्बर से 27 सितम्बर के मध्य बुलाया।प्रार्थिया ने विभाग के समक्ष उपस्थित होकर निवेदन किया कि वह पांच महीने की गर्भवती हैं, उसकी परीक्षा डिलीवरी उपरान्त ली जाए।विभाग ने उसके निवेदन को अस्वीकार कर दिया। बहस में एडवोकेट संजय महला ने कहा कि 2016 की भर्ती का परिणाम 2019 में आया है।देरी के लिए आरपीएससी स्वयं दोषी है।डॉक्टर की हिदायत के अनुसार प्रार्थिया का इस परीक्षा में भाग लेना पूरी तरह जान जोख़िम उठाना है। उन्होंने निवेदन किया कि डिलीवरी के उपरांत डॉक्टर द्वारा फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किए जाने के बाद विभाग उसकी ये परीक्षा आयोजित करे तथा तब तक उसके सम्बन्ध में एक पद सुरक्षित रखा जाए।
मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने पुलिस व गृह विभाग के आला अधिकारियों व आरपीएससी को नोटिस जारी कर जवाब माँगा तथा प्रार्थिया के सम्बंध में एक पद सुरक्षित रखने के आदेश जारी कर आगामी सुनवाई 18अक्टूबर तय की।
झुंझुनू-गर्भवती महिला अभ्यर्थी के लिए एक पद सुरक्षित रखने के हाईकोर्ट ने दिए आदेश-आंचलिक ख़बरें-संजय सोनी
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