बदायूं में देखा गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना कार्यक्रम का सजीव प्रसारण-आंचलिक ख़बरें-शम्स उददीन

Aanchalik Khabre
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बदायूं।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना का शिलान्यास जनपद शाहजहांपुर में किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिलान्यास कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का सजीव प्रसारण जनपद बदायूँ के विभिन्न स्थानों पर एलईडी वैन व एलसीडी के माध्यम से दिखाया गया।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री के साथ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश को पूर्वी उत्तर प्रदेश से जोड़ने के लिए 594 किलोमीटर लम्बे गंगा एक्सप्रेस-वे का बटन दबाकर शिलान्यास किया है। यह एक्सप्रेस-वे जनपद मेरठ से शुरू होकर जनपद हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से गुजरते हुए जनपद प्रयागराज को जोड़े गए हैं। आपातकालीन स्थिति में भारतीय वायु सेना के विमानों की लैण्डिंग/टेक ऑफ के लिए जनपद शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे पर 3.5 किलोमीटर लम्बी हवाई पट्टी का निर्माण किया जाएगा। गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूर्ण होने के साथ ही यह एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश का सबसे लम्बा एक्सप्रेस-वे भी बन जाएगा।
प्रवेश नियंत्रित गंगा एक्सप्रेस-वे, मेरठ-बुलन्दशहर मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-334) पर जनपद मेरठ के बिजौली ग्राम के समीप से प्रारम्भ होगा एवं प्रयागराज बाइपास (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19) पर जनपद प्रयागराज के जुडापुर दाँदू ग्राम के समीप समाप्त होगा। यह एक्सप्रेस-वे 06 लेन चैड़ा होगा, जिसका भविष्य में 08 लेन तक विस्तार किया जा सकेगा। इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 36,230 करोड़ रुपये है।
गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना हेतु अब तक लगभग 94 प्रतिशत भूमि का क्रय/पुनर्ग्रहण किया जा चुका है। कोविड काल के बावजूद रिकॉर्ड 4 माह के अंदर 90 प्रतिशत से अधिक भूमि क्रय की गई थी। इसके अतिरिक्त परियोजना के निर्माण हेतु पी0पी0पी0 (टोल) मोड पर डिजाइन, बिल्ड, फाइनेन्स, ऑपरेट एवं ट्रान्सफर (डी0बी0एफ0ओ0टी0) पद्धति पर 03 निवेशकों से बिड प्राप्त हुई हैं, जिनके अन्तिमीकरण की प्रक्रिया गतिमान है।
गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के निर्माण से आच्छादित क्षेत्रों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योग सम्बन्धी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। यह एक्सप्रेस-वे आच्छादित क्षेत्रों में स्थित विभिन्न उत्पादन इकाइयों, विकास केन्द्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने हेतु एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा।

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