मनीष गर्ग खबर भोपाल
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के पूर्व निर्देश पर संचालनालय स्वास्थ्य सेवा में पदस्थ एडिशनल डायरेक्टर नर्सिंग हाजिर नहीं हुए। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कुछ मुद्दे विधानसभा में चर्चा के लिए सूचीबद्ध हैं, जिन्हें एडिशनल डायरेक्टर डील कर रहे हैं, इसलिए वे उपस्थित नहीं हुए। इस पर कोर्ट ने कहा कि एडिशनल डायरेक्टर विधानसभा में होने का प्रमाण प्रस्तुत करें और ऐसा नहीं होने पर भारी कॉस्ट लगाई जाएगी। दरअसल, एक स्थानांतरण के मामले में एडिशनल डायरेक्टर को हाई कोर्ट में उपस्थित होना था। शासकीय अधिवक्ता की दलील सुनने के बाद जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने कहा कि अगली सुनवाई के दौरान संबंधित दिवस का विधानसभा का
एजेंडा प्रस्तुत करें, ताकि शासकीय अधिवक्ता की दलील प्रमाणित हो सके। कोर्ट ने कहा कि एडिशनल डायरेक्टर उस दिन का विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी किया गया एंट्री पास की कॉपी भी पेश करें। मामले पर अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी। कोर्ट ने कहा कि पूर्व में दी गई राहत आगामी सुनवाई तक जारी रहेगी। टीकमगढ़ निवासी पूजा कुशवाहा ने याचिका दायर कर बताया कि वे नर्सिंग अधिकारी के रूप में जिला अस्पताल में पदस्थ हैं। अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने बताया कि आवेदन दिए बिना ही एडिशनल डायरेक्टर ने याचिकाकर्ता का तबादला जिला अस्पताल पन्ना कर दिया। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एडिशनल डायरेक्टर को निर्देश दिए थे कि वे व्यक्तिगत हलफनामा प्रस्तुत कर बताएँ कि जब आवेदन नहीं किया तो तबादला क्यों कर दिया।