हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर बताया गया कि संपत्ति विवाद से जुड़े प्रकरण में पहले अपर आयुक्त जबलपुर ने अपील सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली और 4 साल बाद उसे देरी के आधार पर खारिज कर दी। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद पूरे प्रकरण में यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए। कोर्ट ने अपर आयुक्त जबलपुर, एसडीओ सिहोरा नायब तहसीलदार मझौली सहित
माँगा है। मोहन पटेल की ओर से अधिवक्ता सुशील मिश्रा ने बताया कि एसडीएम कोर्ट ने संपत्ति विवाद के मामले में उनके खिलाफ फैसला दिया। याचिकाकर्ता ने अपर आयुक्त के समक्ष अपील प्रस्तुत की। अपर आयुक्त ने 22 मई 2018 को सुनवाई के लिए अपील स्वीकार कर ली। अपर आयुक्त ने अक्टूबर 2021 में अनावेदकों को नोटिस जारी किए और मामला अंतिम सुनवाई के लिए नियत किया। इसके बाद अपर
अन्य को नोटिस जारी कर जवाब आयुक्त ने सभी पक्षों की सुनवाई करने के बाद 3 फरवरी 2022 को अपील प्रस्तुत करने में देरी का हवाला देते हुए निरस्त कर दी। पॉक्सो एक्ट के आरोपी को
नहीं मिली जमानत | पॉक्सो एक्ट की विशेष अदालत ने नाबालिग बालक से अप्राकृतिक कृत्य करने के आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी। अभियोजन के अनुसार पीड़ित बालक ने अपनी माँ के साथ थाना खमरिया में 11 जून 2022 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी।