रामायण एक महाकाव्य ही नहीं बल्कि हर भारतीय की आस्था व जीवन दर्शन का श्रोत है. महाकाव्य रामायण न केवल यह सिखाता है कि असत्य पर सत्य की जीत होती है बल्कि रामायण हमें जीवन जीने की कला भी सिखाता है. लेकिन अभी हालिया समय में एक फिल्म आदि पुरुष रिलीज हुई है, जिसने न केवल रामायण का अपमान किया अपितु हर भारतीय की आस्था, भावना व विश्वास को भी आहत किया है. फिल्म में जिस तरह से भगवान राम, माता सीता, व महाबली हनुमान के किरदार निभाने वाले नायकों द्वारा संवाद किया गया, वह शर्मनाक है. हर तरफ इस फिल्म, इसके निर्माता व फिल्म के संवाद लेखक का विरोध किया जा रहा है.
मर्यादा पुरुषोत्तम है राम
भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है. मर्यादा पुरुषोत्तम का अर्थ सम्मान में सर्वोच्च है. अर्थात श्रीराम जी ने कभी भी अपनी मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया. उन्होंने अपने शत्रु से भी सभ्य व शालीन भाषा में संवाद किया. स्वयं विष्णु के अवतार भगवान राम सादगी और सात्विक जीवन के पक्षधर है. लेकिन फिल्म में जिस तरह से उनका कथानक, उनके वस्त्र व उनके संवाद को दिखाया गया वह प्रभु श्रीराम के चरित्र से बिल्कुल ही भिन्न है. बताते चलें कि रामानंद सागर द्वारा निर्मित रामायण में श्रीराम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल भी आदिपुरुष फिल्म से आहत हैं. मूल रामायण में भगवान राम की भूमिका निभाने वाले अभिनेता कहते हैं, “रामायण से आप छेड़-छाड़ न करें। हम नहीं चाहते कि कोई हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ करे। मेकर्स डायलॉग्स को रिवाइज कर रहे हैं क्योंकि वे नहीं चाहते कि लोग आगे रिएक्ट करें। पर जिन लोगों ने फिल्म पहले ही देख ली है, वो दोबारा देखने तो जाएंगे नहीं।” ऐसे में फिल्म के निर्देशकों को देश की जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए.
सरलता व शालीनता माँ सीता की पहचान
माँ सीता जिनकी सरलता व शालीनता की मिशाल आज भी भारत में दी जाती है. आज भी यदि किसी स्त्री, पुत्री, व बहु को सौम्य, शालीन कह कर परिचित करवाना हो तो लोग कहते हैं कि, हमारी पुत्री या बहु तो “सीता” है. अतएव सीता स्वयं शालीन व सौम्य चरित्र है. शालीनता, दया और ममतत्व का पर्याय ही सीता है. लेकिन आदिपुरुष फिल्म में माँ सीता (जिनको आदिपुरुष में जानकी कहा गया है) द्वारा बोले जाने वाले संवाद के लेखक ने माँ सीता के शालीन चरित्र को दर किनार करते हुए जानकी के संवादों को भी सड़क छाप शैली में लिखा है. जिससे न केवल माँ सीता का अपमान हुआ है बल्कि देश की जनता की भावनाओं को भी ठेस पहुंची है.
मूल रामायण में सीता की भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री दीपिका चिखलिया ने कहा, “नुकसान पहले ही हो चुका है। ऐसी फिल्म को सेंसर बोर्ड ने कैसे मंजूरी दे दी, यह जरूर सोचने वाली बात है। मुझे लगता है कि लोगों को अब रामायण का रीमेक बनाना बंद कर देना चाहिए।
हनुमान भगवान नहीं हैं, हमने उन्हें भगवान बनाया- मनोज मुंतशिर
इस फिल्म के संवाद लेखक मनोज मुंतशिर ने एक इंटरव्यू में बड़े ही बेशर्मी से कहा कि “हनुमान भगवान नहीं हैं, हमने उन्हें भगवान बनाया”. मनोज मुंतशिर ने शायद न ही हिन्दू धर्म ग्रंथो को पढ़ा है और न ही उन्हें हिन्दू धर्म की कोई समझ है. महाबली हनुमान भगवान है इसमें किंचित मात्र भी संदेह नहीं है. बताते चलें कि महाबली हनुमान को रामायण में भगवान शिव का अंश व पुत्र कहा गया है. उन्हें पवन पुत्र, व मारुती नंदन भी कहा गया है. रामायण सहित हनुमान चालीसा में भी उन्हें भगवान कहा व माना गया है. लेकिन शायद मनोज मुन्तशिर जैसे अल्पज्ञानी संवाद लेखक को स्वयंभू बनना है, इसलिए वो यह कह रहा है कि उसने महाबली हनुमान को भगवान बनाया है. ऐसे मूढ़ इंसान का सामूहिक विरोध होना चाहिए.
ऑल इंडियन सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
बताते चले कि फिल्म आदिपुरुष से आहत होकर मंगलवार को ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश श्याम लाल गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा, जिसमें ‘धार्मिक भावनाओं को आहत करने’ के लिए फिल्म पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की गई। वही दूसरी ओर राजनीतिक नेताओं ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि किसी भी फिल्म को लोगों की संवेदनाओं को ठेस पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। आम आदमी पार्टी ने भी फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की, जबकि समाजवादी पार्टी ने इसके कंटेंट को लेकर चिंता जताई.
ज्ञात हो कि 600 करोड़ रुपये के भारी बजट पर बनी, फिल्म ‘आदिपुरुष’ 16 जून, 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। महाकाव्य रामायण पर आधारित इस फिल्म को दर्शकों के साथ-साथ आलोचकों से भी निराशाजनक प्रतिक्रिया मिल रही है. ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने प्रभास और कृति सेनन-स्टारर इस फिल्म को ‘निराशाजनक’ करार दिया और फिल्म को 1.5 स्टार दिए. फिल्म को लेकर हुए विवाद के कारण देश भर में कई प्रदर्शन हो रहे हैं.
Subject – Request to immediately Ban on Adipurush Movie – THIS IS NOT OUR Ramayan |
All Indian Cine Workers Association Demands Ban on Screening the Movie Adipurush, This Movies screenplay and dialogues are clearly defaming the Image of Lord Ram and Lord hanuman. Adipurush Movie… pic.twitter.com/5rn4WAPBsc
— All Indian Cine Workers Association (@AICWAofficial) June 20, 2023
नेपाल ने आदिपुरुष से आहत होकर किया सभी हिंदी फिल्मो को बैन
आदिपुरुष सहित सभी हिंदी फिल्मों को सोमवार को नेपाल में इसके संवादों पर विवाद के बाद प्रतिबंधित कर दिया गया था. रिपोर्टों के मुताबिक, महाकाव्य रामायण का पुनर्कथन करने वाली फिल्म को काठमांडू और पोखरा में प्रतिबंधित किए जाने के बाद, ओम राउत द्वारा निर्देशित आदिपुरुष की स्क्रीनिंग देश(नेपाल) भर में रोक दी गई है.
— Balen Shah (@ShahBalen) June 18, 2023
बैन हो फिल्म आदिपुरुष, फिल्म निर्माता मांगे माफ़ी
सेंसर बोर्ड और भारत सरकार को आदिपुरुष फिल्म के निर्माता व संवाद लेखक पर कठोर कार्यवाई करते हुए यह फिल्म बैन करनी चाहिए. रामायण सिर्फ एक महाकाव्य ही नहीं बल्कि प्रभु श्रीराम का दर्शन है. राम सिर्फ एक फिल्म के किरदार नहीं बल्कि हमारे भगवान है. रामायण में देश की आत्मा बसती है. राम हर ह्रदय में निवास करते हैं, सीता हर नारी की आदर्श हैं. भगवान हनुमान हर निर्बल का बल हैं.
विवादों से बचे हुए हैं कलाकार
फिल्म को लेकर बेशक विवाद फैल रहा हो लेकिन अभी तक फिल्म के निर्माता, निर्देशक और संवाद लेखक ही विवादों के घेरे में हैं और फिल्म के कलाकार अभी तक विवादों से बचे हुए हैं. एक कलाकार की भी जिम्मेदारी बनती है कि कोई भी फिल्म साइन करने से पहले वो फिल्म की स्क्रिप्ट को ध्यान से पढ़े. कलाकारों को भी इस तरह के विवादित विषयों पर बनने वाली फिल्मों से बचना चाहिए. बहराल अभी तक कलाकारों को लेकर किसी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है.