भाजपा ओबीसी का आरक्षण खत्म करने का षडयंत्र रच रही है लेकिन कांग्रेस हर हाल में ओबीसी को अधिकार दिलायेगी-आंचलिक ख़बरें-राजेंद्र राठौर

Aanchalik Khabre
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झाबुआ: भाजपा सरकार के पिछड़ा वर्ग के साथ किए जा रहे भेदभाव को लेकर को लेकर जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता प्रवक्ता साबिर फिटवेल ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिनांक 11 मई 2022 को घोषणा करते हुए कहा की कांग्रेस ने यह तय किया है आने वाले निकाय चुनाव में पार्टी अन्य पिछड़ा वर्ग के 27 % प्रत्याशियों को टिकट देगी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यह घोषणा ऐसे समय पर कि जब माननीय सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश में बिना ओबीसी आरक्षण के निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है माननीय सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी के आरक्षण के बिना चुनाव कराने का फैसला इसलिये किया,क्योकि मध्य प्रदेश की शिवराजसिंह चौहान सरकार ने माननीय अदालत के सामने ओबीसी के बारे में भ्रामक व आधे अधूरे तथ्य प्रस्तुत किये। कमलनाथ ने राज्य सरकार से यह भी कहा कि,वह प्रस्ताव पारित कर केन्द्र सरकार से संविधान में संशोधन करने का आग्रह करें ताकि अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को उनका संवैधानिक अधिकार मिल सके।

नेताओ ने कहा की वर्ग के हित में उठाये गये इस ऐतिहासिक कदम के लिये हम पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का आभार व्यक्त करते है। प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुये उन्होने ही ओबीसी वर्ग को 27 % आरक्षण दिया था। आज विपक्ष में होने के बावजूद वह ओबीसी वर्ग को उसका सवैधानिक अधिकार दे रहे है इससे पता चलता है कि कांग्रेस पार्टी की नियत सामाजिक न्याय करने की है जबकि सत्ता में बैठे लोग सिर्फ बहानेबाजी करके ओबीसी हितैषी होने का पाखंड कर रहे है।जबकि असल मे उसका चरित्र आरक्षण विरोधी है। यह सर्वविदित तथ्य है कि मध्यप्रदेश और पूरे देश में अन्य पिछड़ा वर्ग का हित करने का काम हमेशा कांग्रेस पार्टी ने किया है।

आज भी भारतीय जनता पार्टी ने ओबीसी आरक्षण को समाप्त करने का षडयंत्र किया है ओबीसी आरक्षण समाप्त कराने के लिये शिवराज सरकार पहले जानबूझकर असवैधानिक अध्यादेश लेकर आई और बाद में न्यायालय के दबाब में इस असवैधानिक अध्यादेश को वापस लिया।

भाजपा की सरकार ने ओबीसी के खिलाफ यह जो काम किया है वह राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के गुप्त एजेंडे का हिस्सा है। कांग्रेस पार्टी ने जब भी ओबीसी वर्ग को कोई अधिकार दिया है तब-तब बीजेपी ने चोर रास्ते से ओबीसी से वह अधिकार छीनने का काम किया है।

सन् 2003 में कांग्रेस की सरकार ने ओबीसी का आरक्षण बढ़ाकर 14% से 27 % किया था। लेकिन उसके बाद से बनी बीजेपी सरकारों ने अगले 15 साल में अदालतों में एकदम खराब पेरवी करके ओबीसी के 27 % आरक्षण को समाप्त हो जाने दिया। सन् 2018 में जब कमलनाथ के नेतृत्व में फिर से कांग्रेस की सरकार बनी तो कांग्रेसी सरकार ने ओबीसी को एक बार फिर से 27 % आरक्षण दिया। इस आरक्षण को वर्तमान शिवराजसिंह चौहान की सरकार ने अदालतों में गलत तथ्य रखकर धीरे-धीरे आरक्षण खत्म करती जा रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की आज की घोषणा से यह स्पष्ट हो गया है कि ना सिर्फ निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी शानदार प्रदर्शन करेगी बल्कि आरक्षण समाप्त होने के बावजूद कांग्रेस पार्टी के प्रयासों से ओबीसी वर्ग के अधिक से अधिक प्रतिनिधी निकायों में चुनकर आयेंगे। सभी समाजों के साथ समानता का व्यवहार करना और सबको संविधान के मुताबिक अधिकार प्रदान करना कांग्रेस पार्टी की नीति का अभिन्न हिस्सा है। भाजपा अगर पिछड़ा वर्ग के साथ अन्याय करेगी तो कांग्रेस पार्टी को सड़कों पर उतरने पर बाध्य होना पड़ेगा

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