जिला कटनी – मध्यप्रदेश राज्य आजीविका मिशन के माध्यम से सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रही है। जिले में स्व सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने विशेष पहल की जा रही है। उसी के चलते महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और अपने परिवारों को भरण पोषण भी ठीक से कर पा रही हैं।
बहोरीबंद ब्लाक के छपरा गांव निवासी लक्ष्मी हल्दकार का परिवार भी खेती करता था और आर्थिक संकट से गुजर रहा था। वर्ष 2017 में लक्ष्मी आजीविका मिशन के माध्यम से स्व सहायता समूह से जुड़ी। उसके बाद समूह का संचालन करने के साथ ही उन्होंने खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कपड़े की दुकान प्रारंभ की और सिलाई का काम भी प्रारंभ किया। ऋण लेकर उन्होंने आधुनिक तरीके से खेती का कार्य भी प्रारंभ किया और आज हर माह अच्छी आय होने से उनका परिवार खुशहाल जिंदगी बिता रहा है। छपरा निवासी लक्ष्मी हल्दकार के समूह का 2017 में पुर्नगठन हुआ और आजीविका मिशन में समूह का पंजीबद्ध किया गया। सभी सदस्य अपनी बचत राशि बैंक में जमा करने लगे। लक्ष्मी ने सीआरपी के रूप में कार्य किया और विभिन्न ग्रामों में जाकर 156 स्व सहायता समूहों का गठन किया। समूह से जुड़कर लक्ष्मी ने कृषि, ग्राम संगठन, संकुल संगठन, अवधारणा, बुक कीपिंग, एमसीपी आदि विषयों पर प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। लक्ष्मी ने समूह से जुड़कर 10 रूपये साप्ताहिकी प्रारंभ की और छोटे-बड़े ऋण लेकर जरूरतें पूरी की। ग्राम संगठन का उन्हें निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया और वर्तमान में वे संकुल स्तरीय संगठन की अध्यक्ष भी हैं। लक्ष्मी ने बताया कि चक्रीय कोष की राशि आजीविका मिशन से उन्हें 12 हजार रूपये प्राप्त हुई थी। जिसके बाद उन्होंने समूह से 15 हजार रूपये ऋण लिया और घर में कपड़े की दुकान प्रारंभ कर दी। जिससे लगभग हर माह उसे 4 हजार रूपये की आमदनी होने लगी। समूह का ऋण चुकती करने के बाद सामुदायिक निवेश की राशि आने पर लक्ष्मी ने समूह से 80 हजार रूपये का ऋण लिया और उसके माध्यम से टमाटर व अदरक की खेती आधुनिक तरीके से प्रारंभ की। इसके अलावा सिलाई मशीन भी खरीदी। वर्तमान में लक्ष्मी को हर माह खेती व दुकान से लगभग 15 हजार रूपये का आय प्राप्त हो रही है और उसके माध्यम से उसका परिवार खुशहाल जिंदगी व्यतीत कर रहा है।